3 महान कप्तान जिनका 183 के आंकड़े के साथ रहा है अनोखा संयोग, आप भी जानकर रह जाएंगे हैरान
3 महान कप्तान जिनका 183 के आंकड़े के साथ रहा है अनोखा संयोग, आप भी जानकर रह जाएंगे हैरान
भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक से एक बड़े कप्तान रहे हैं। वर्ष 1932 में टीम इंडिया के इंटरनेशनल क्रिकेट सफर का आगाज़ हुआ, उसके बाद से अब तक कई दिग्गज कप्तान हुए हैं, जिसमें नवाब पटौदी, कपिल देव, मोहम्मद अजहरूद्दीन जैसे नाम शामिल किए जाते रहे हैं, भारत के इन दिग्गज कप्तानों में 3 कप्तान ऐसे हुए हैं, जिन्होंने महानता के शिखर पर अपना नाम स्थापित किया।
भारत के महान कप्तान रहे हैं दादा, धोनी और कोहली
इन महान कप्तानों में पिछले करीब 2 दशकों में भारतीय क्रिकेट टीम की तस्वीर बदलने वाले ये नाम सौरव गांगुली, महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली रहे हैं। इन तीनों ही बल्लेबाजों ने बतौर कप्तान जो सफलता हासिल है, जिस मुकाम पर पहुंचे वो अपने आप में ही खास है।
सौरव गांगुली ने साल 2000 के मैच फिक्सिंग कांड के बाद कप्तानी संभालते ही बुरे दौर में फंसी भारतीय क्रिकेट टीम को संजीवनी प्रदान की। इसके बाद तो इस सफलता कहानी को बिना किसी रूकावट के महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली ने भी जारी रखा और इन तीनों ही कप्तानों को भारत के सबसे सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में शुमार किया जाता है।
इन 3 दिग्गजों का एक समान रहा है अनोखा संयोग
सौरव गांगुली, महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली तीनों की बल्लेबाजी शैली और कप्तानी की शैली अलग-अलग रही, लेकिन सफलता के मामलें में वो एक जैसे साबित हुए। जिनको भारतीय क्रिकेट की मौजूदा स्थिति का परिचायक माना जाता है।
दादा, माही और किंग कोहली भारत के महान कप्तान बने जिसे आज पूरा क्रिकेट जगत जानता है, इन तीनों ही दिग्गजों के करियर में कप्तानी और एक आंकड़े का बहुत ही अनोखा संयोग जुड़ा है, जिस एक समान आंकड़े को हासिल करने के बाद वो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने।
कप्तान बनने से पहले इन तीनों दिग्गजों ने बनाया था 183 रन का स्कोर
अब यहां से गांगुली, धोनी और कोहली के कप्तान बनने से ठीक पहले एक समान वाले संयोग से परिचय कराते हैं। इस खास एक जैसे संयोग को जानने के बाद आप भी इसे भगवान के द्वारा स्थापित किए गए किसी संयोग से कम नहीं मानेंगे।
जी हां… सौरव गांगुली, महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली के साथ टीम इंडिया का कप्तान बनने से ठीक पहले 183 का आंकड़ा जुड़ा है। अब तक कुछ फैंस तो इस खास समागम को जान गए होंगे, लेकिन कई क्रिकेट प्रेमी इस बारे में शायद ही जानते हैं, तो आपको हम अगले कुछ ही पलों में पूरी कहानी स्पष्ट करते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए दादा, एमएस धोनी और विराट का एक जबरदस्त योगदान रहा है, जिसे सालों तक याद रखा जाएगा। इन तीनों ही दिग्गजों के भारतीय टीम की कमान संभालने के ठीक पहले 183 का व्यक्तिगत स्कोर बनाने का कमाल जुड़ा है।
तीनों ही बल्लेबाजों ने कप्तान बनने से पहले 183 रनों की वनडे पारी खेलने के बाद कप्तानी का सफलतम सफर तय किया। सबसे पहले सौरव गांगुली ने 1999 के विश्व कप में श्रीलंका के खिलाफ 183 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। इसके बाद प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर रहे इस खिलाड़ी को 2001 में कप्तानी करने का मौका मिला।
इसके बाद बात करें महेन्द्र सिंह धोनी की तो उन्होंने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ ही जयपुर में खेले गए वनडे मैच में 183 रन बनाए। जिसके बाद धोनी भी साल 2007 में ही टीम इंडिया की अगुवायी करने लगे।
यहां से जब विराट कोहली को भी देखे तो उन्होंने 2012 के एशिया कप के दौरान वनडे मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 183 रन ठोक डाले, इसके कुछ समय बाद यानी 2014 के अंत में टेस्ट फॉर्मेट में विराट कोहली भी टीम के कप्तान बन गए।
भारत के इन तीनों ही बड़े बल्लेबाजों ने 183 रन की अपनी सर्वश्रेष्ठ वनडे पारी खेली और इस सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद सभी ने भारत के महान कप्तानों में अपने आप को शुमार किया। यानी एक तरह से 183 का आंकड़ा इनके करियर के लिए बहुत ही भाग्यशाली कहा जा सकता है।