IPL Retention Rule: आईपीएल के रिटेंशन नियमों की तस्वीर हुई साफ, रिटेंशन के नए नियमों ने उड़ाई फ्रेंचाइजियों और खिलाड़ियों की नींद
IPL Retention Rule: आईपीएल के रिटेंशन नियमों की तस्वीर हुई साफ, रिटेंशन के नए नियमों ने उड़ाई फ्रेंचाइजियों और खिलाड़ियों की नींद
IPL Retention Rule: इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन से पहले जिस पल का हर किसी को बेसब्री से इंतजार था, वो घड़ी आखिरकार आ गई और ये लंबा इंतजार खत्म हुआ। फैंस को इंतजार था, आईपीएल के मेगा ऑक्शन से पहले फैंस से लेकर फ्रेंचाइजियों और खिलाड़ियों हर किसी को रिटेंशन नियमों का इंतजार था, पिछले कईं दिनों से रिटेंशन पॉलिसी के नियमों को लेकर काफी चर्चा थी और आखिरकार बीसीसीआई ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के साथ मिलकर नए नियमों को पटल पर रख दिया है।
बोर्ड ने आईपीएल रिटेंशन के नियमों को किया जारी
इस मेगा टी20 लीग में इस बार मेगा ऑक्शन होने जा रहा है। इससे पहले टीमों में जबरदस्त बदलाव देखने को मिलने की संभावना थी, लेकिन जैसे ही बोर्ड ने रिटेंशन के नए नियमों की तस्वीर को साफ किया है, इसके बाद फ्रेंचाइजियों को एक तरफ तो अपने पुराने प्लेयर्स में से आधा दर्जन प्लेयर्स को बनाए रखने की छूट तो मिली है, लेकिन साथ ही कुछ ऐसी पाबंदी भी लगाई गई है, जिससे उनके लिए ये राह आसान नहीं होने वाली है। तो चलिए एक-एक करके जानते हैं, रिटेंशन के सभी नियम
1एक फ्रेंचाइजी को 6 खिलाड़ियों को रिटेन करने की छूट
आईपीएल के अगले सीजन से पहले हर किसी को सबसे ज्यादा इंतजार रिटेन खिलाड़ियों की संख्या का था, जो आखिरकार फाइनल हो गया है। अब सभी टीमों को अधिकतम 5 खिलाड़ियों को रिटेन करने की छूट मिली है। जिसमें वो चाहे तो सभी विदेशी या चाहे तो सभी देशी खिलाड़ियों को ले सकते हैं। साथ ही एक खिलाड़ी को आरटीएम करने का अधिकार भी दिया है। रिटेन खिलाड़ियों की सैलरी कैप में पहले खिलाड़ी को 18 करोड़ रुपये, दूसरे को 14 करोड़, तीसरे रिटेन खिलाड़ी को 11 करोड़ रुपये देने होंगे। तो वहीं चौथे खिलाड़ी को फिर से 18 करोड़ और 5वें खिलाड़ी को 14 करोड़ रुपये देने होंगे। अब ऐसे में कोई फ्रेंचाइजी सभी 6 खिलाड़ियों को रिटेन करती है तो उनके पास पर्स में ऑक्शन के लिए सिर्फ 45 करोड़ रुपये की बचेंगे।
2. टीमों को मिला राइट टू मैच (RTM) का अधिकार
आईपीएल के 2018 के मेगा ऑक्शन में इस्तेमाल हुए राइट टू मैच कार्ड का नियम वापसी कर रहा है। ये नियम इस बार लागू किया जाएगा। अगर फ्रेंचाइजी चाहे तो सभी 6 खिलाड़ियों को रिटेन भी कर सकती है, या फिर कुछ को रिटेन और कुछ को आरटीएम भी कर सकती है।
3. प्लेइंग-11 में खेलने वाले खिलाड़ियों को मिलेगी मैच फीस
इस बार बीसीसीआई ने एक खास नियम बनाया है, जिससे खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा। यहां पर किसी टीम के प्लेइंग-11 में खेलने वाले सभी खिलाड़ियों की मैच फीस के रूप में 7.5 लाख रूपये देने होंगे। खिलाड़ियों की मैच फीस के लिए सभी फ्रेंचाइजी के पास अपने ऑक्शन पर्स के 120 करोड़ रुपये के अलावा 12.60 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने की छूट दे दी है।
4. ऑक्शन पर्स 100 करोड़ से बढ़कर हुआ 120 करोड़ रुपये
फ्रेंचाइजी के लिए मेगा ऑक्शन के पर्स में भारी बढ़ोतरी की गई है। पिछले ऑक्शन तक फ्रेंचाइजी के पास 100 रुपये का पर्स था, जिसे बढ़ाकर अब 120 करोड़ रुपये कर दिया है। ऐसे में हर एक फ्रेंचाइजी को अब अतिरिक्त 20 करोड़ रुपये खर्च करने की छूट दे दी गई है।
5. इम्पैक्ट प्लेयर नियम रहेगा जारी
आईपीएल के पिछले कुछ सीजन से इम्पेक्ट प्लेयर्स का नया नियम लाया गया है, जिसे लेकर काफी बहस देखने को मिली है। इस नियम को लेकर कईं बड़े खिलाड़ी आपत्ति जता चुके हैं, लेकिन तमाम बहस के बावजूद बीसीसीआई ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम को जारी रखने का फैसला किया है।
6. रजिस्ट्रेशन कराने वाले विदेशी खिलाड़ियों पर सख्ती
विदेशी खिलाड़ियों पर बोर्ड ने जबरदस्त नकेल कसी है। जिसमें अब अगर कोई खिलाड़ी आईपीएल की नीलामी के लिए अपना नाम रजिस्टर्ड करवाता है, तो इसके बाद वो चाहकर भी अपना नाम वापस नहीं ले सकता है। कईं बार ये हो चुका है कि विदेशी खिलाड़ी बोली लगने के बाद सीजन से हट जाते हैं। अब वो ऐसा करेंगे तो उन्हें 2 साल के लिए बैन कर दिया जाएगा।
7. सिर्फ मिनी ऑक्शन में रजिस्ट्रेशन कराने वाले विदेशी खिलाड़ियों पर भी सख्ती
मेगा ऑक्शन की तुलना में मिनी ऑक्शन में खिलाड़ियों को खूब पैसा मिलता है। अब बीसीसीआई अलग ही मूड में है। कईं बार देखा जाता है कि बड़े विदेशी खिलाड़ी मेगा ऑक्शन से दूरी बना लेते हैं, तो वहीं मिनी ऑक्शन में मोटी रकम पाने के लिए उतर जाते हैं। लेकिन इस बार बोर्ड ने तय किया है कि अगर कोई खिलाड़ी मेगा ऑक्शन में नहीं उतरता है, तो उसे अगले 2 सीजन तक ऑक्शन और रजिस्ट्रेशन से दूर कर दिया जाएगा।
8. पिछले 5 साल से इंटरनेशनल में ना खेलने वाला प्लेयर होगा अनकैप्ड
सबसे अहम और बड़ा नियम आया है, जिसे 2021 के बाद देखा जाएगा। ये नियम अनकैप्ड प्लेयर का नियम है, जिसमें अगर कोई खिलाड़ी पिछले 5 साल से इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुका है या फिर वो 5 साल में कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है, तो उसे अनकैप्ड खिलाड़ियों की सूची में माना जाएगा।