IND vs BAN:अश्विन-जडेजा के धमाल के बीच बांग्लादेश ने चेन्नई में तोड़ा 42 साल पुराना रिकॉर्ड, 21 टेस्ट बाद दिखा ये नजारा
IND vs BAN:अश्विन-जडेजा के धमाल के बीच बांग्लादेश ने चेन्नई में तोड़ा 42 साल पुराना रिकॉर्ड, 21 टेस्ट बाद दिखा ये नजारा
IND vs BAN:भारत और बांग्लादेश के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट मैच गुरुवार को शुरू हो गया है। चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेले जा रहे इस पहले मैच में भारतीय टीम के स्टार स्पिन गेंदबाज आर अश्विन और रवीन्द्र जडेजा ने अपने बल्ले का दम दिखाते हुए बांग्लादेश को बैकफुट पर धकेल दिया है। चेन्नई के चेपॉक में लोकल बॉय रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने गेंदबाजी से पहले तो बल्लेबाजी से जबरदस्त प्रदर्शन कर भारतीय टीम की मैच में वापसी करवा दी है।
चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में 42 साल से चला आ रहा टूटा मिथक
इस पहले टेस्ट मैच की शुरुआत में बांग्लादेशी गेंदबाज पूरी तरह से छाए रहे, तो इसके बाद आखिरी सेशन में अश्विन और जडेजा का दमखम देखने को मिला। पूरा दिन इन दोनों स्टार ऑलराउंडर की बल्लेबाजी की चर्चा चल रही थी, लेकिन इसी बीच बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने इस मैच में एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में पिछले 42 साल से चले आ रहे एक मिथक को तोड़ दिया और रिकॉर्ड को तोड़कर अपना नाम इस खास रिकॉर्ड में दर्ज करवा दिया।
चेपॉक में जो 42 सालों से ना हुआ, वो बांग्लादेश ने कर दिया
जी हां… बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान नजमुल हसन शांतो ने टॉस का सिक्का जैसे ही अपने पाले में गिरा, तो उन्होंने फील्डिंग करने का फैसला किया। इसके साथ ही बांग्लादेश की टीम ने चेन्नई में पिछले 42 साल और 21 टेस्ट मैच से का इतिहास बदल दिया और जो 42 सालों से ना हुआ वो कर दिया। चेन्नई में इस दौरान कईं मैच खेले गए, लेकिन जो इतने सालों से ना हुआ वो देखने को मिला। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या है? तो चलिए आपको बताते हैं क्या है ये माजरा…
42 साल और 21 टेस्ट के बाद बांग्लादेश चेन्नई में टॉस जीतकर फील्डिंग करने वाली पहली टीम
बांग्लादेश क्रिकेट टीम चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में पिछले 42 साल में टॉस जीतने के बाद फील्डिंग करने वाली पहली टीम बन गई है। इससे पहले 1982 में चेपॉक में किसी टीम ने टॉस जीतकर फील्डिंग का फैसला किया था। इसके बाद से 1982 से 2024 तक चेन्नई में लगातार 21 टेस्ट मैच में किसी भी टीम ने टॉस जीतकर फील्डिंग का फैसला नहीं किया है। हर बार टीम के कप्तान ने बैटिंग का फैसला किया। लेकिन बांग्लादेश ने इस सिलसिले को आखिरकार तोड़ ही दिया। अब इसका मैच पर क्या असर होता है, ये तो वक्त ही बताएगा।