ASIA CUP 2022: महेन्द्र सिंह धोनी को याद करते हुए भावुक हुए विराट, बताया कैसा है धोनी के साथ रिश्ता
ASIA CUP 2022: महेन्द्र सिंह धोनी को याद करते हुए भावुक हुए विराट, बताया कैसा है धोनी के साथ रिश्ता
ASIA CUP 2022: संयुक्त अरब अमीरात में एशियाई क्रिकेट टीमों की जंग रोचक मोड़ पर खड़ी है। जिसमें सुपर-4 में एक के बाद एक रोमांचक मैच देखने को मिल रहे हैं। रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच महामुकाबला खेला गया, जहां टीम इंडिया को पाकिस्तान के हाथों 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बीच विराट कोहली वापसी कर चुके हैं, जिन्होंने एक और फिफ्टी लगाते हुए 60 रन की पारी खेली।
विराट कोहली हुए धोनी को याद करते हुए भावुक
विराट कोहली इस एशिया कप में लगातार बल्ले से प्रभाव डाल रहे हैं। इस मैच में मिली हार के बाद पूर्व कप्तान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। इसी दौरान वो अपने पूर्व कप्तान और साथी रहे महेन्द्र सिंह धोनी को याद करते हुए भावुक हो गए और धोनी के साथ उनके रिश्तें पर बहुत ही खास बात बोली।
विराट ने इस दौरान उनके इसी साल की शुरुआत में टेस्ट कप्तानी छोड़ने की यादों को साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कप्तानी छोड़ने के बाद उन्हें महेन्द्र सिंह धोनी के सिवाय किसी का कॉल या मैसेज नहीं आया।
टेस्ट कप्तानी छोड़ने पर धोनी के अलावा नहीं आया किसी का मैसेज
इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि, “मैं आपको एक बात बताता हूं, जब मैंने टेस्ट कप्तानी छोड़ी तो मुझे सिर्फ एक व्यक्ति का मैसेज आया जिनके साथ मैंने खेला हुआ है और वह थे महेंद्र सिंह धोनी। बाकी कई लोगों के पास मेरा नंबर है लेकिन मुझे सिर्फ उनका मैसेज आया है। टीवी पर बहुत से लोग बोलते हैं लेकिन किसी का मेरे पास मैसेज नहीं छोड़ा। जो रिश्ता जेनुअन होता है वह दिखता है। उसे दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती।“
उनके साथ मेरा है बहुत ही खास रिश्ता
उन्होंने आगे कहा कि, “उनके (एमएस धोनी) साथ मेरा रिश्ता अलग है। उन्हें मुझसे कोई इनसिक्योरिटी नहीं है और न ही मुझे उनसे कोई इनसिक्योरिटी है। टीवी पर कई लोग बोलते हैं लेकिन निजी रूप से किसी ने मुझसे बात नहीं की। मुझे अगर किसी को सलाह देनी है तो मैं उससे निजी रूप से बात करूंगा। दुनिया के सामने कही बातों को मैं ज्यादा तवज्जो नहीं देता।“
“मैं सीधी बात में यकीन करता हूं। ईश्वर को जब जो देना है वह दे देगा। इसके सिवाय कुछ और जीवन में मिलता नहीं। तो, आप जितना भी हाथ-पैर मार लें मिलना उतना है, जितना ईश्वर ने चाहा है।“